UPSC Success Story कृतिका मिश्रा की उपलब्धि एक प्रेरणास्रोत है जिसने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) परीक्षा में 66वीं रैंक प्राप्त करके आईएएस बनने का अपना सपना साकार किया। उनकी सफलता की कहानी विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी तैयारी हिंदी मीडियम से की थी, जो उनके दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम को दर्शाता है।
उनके पहले प्रयास में, कृतिका ने प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स) और मुख्य परीक्षा (मेंस) दोनों में सफलता प्राप्त की, लेकिन इंटरव्यू स्तर पर उन्हें निराशा हाथ लगी। हालांकि, इस असफलता ने उनके हौसले को नहीं तोड़ा; बल्कि, उन्होंने इसे एक सीख के रूप में लिया और अपनी तैयारी को और अधिक मजबूती से जारी रखा।
उनकी लगन और मेहनत ने अगले प्रयास में रंग लाया, जब वे न केवल परीक्षा में सफल हुईं बल्कि उच्च रैंकिंग के साथ आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना भी पूरा किया। कृतिका की कहानी उन सभी उम्मीदवारों के लिए एक मिसाल है जो हिंदी मीडियम से तैयारी कर रहे हैं और यह दिखाती है कि दृढ़ संकल्प, सही रणनीति और कड़ी मेहनत के साथ कोई भी अपने सपनों को सच कर सकता है। उनकी यात्रा यह संदेश देती है कि प्रारंभिक असफलताएं अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने की राह में केवल एक अड़चन होती हैं, न कि अंत।
UPSC Success Story हिंदी मीडियम से की पढ़ाई दूसरे प्रयास में बानी आईएएस Kritika Mishra, सभी युवाओ को दे रही है सलाह!
भारत में, शिक्षा के क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम का प्रभुत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है, फिर भी, ऐसे अनेक विद्यार्थी हैं जो हिंदी भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और उसके बल पर उच्च सरकारी पदों पर अपनी जगह बना रहे हैं। Kritika Mishra इसका एक शानदार उदाहरण हैं। हिंदी माध्यम से पढ़ाई करते हुए, उन्होंने न केवल यूपीएससी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया बल्कि 2022 में 66वीं रैंक प्राप्त करके आईएएस बनने का महत्वपूर्ण मुकाम भी हासिल किया।
Kritika Mishra की उपलब्धि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अंग्रेजी माध्यम की बजाय हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उनकी सफलता साबित करती है कि यदि दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम हो, तो भाषा कोई बाधा नहीं बन सकती। Kritika Mishra ने न सिर्फ हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए एक मिसाल कायम की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि उचित मार्गदर्शन, सही दिशा में की गई मेहनत और आत्मविश्वास के साथ कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।
आईएएस Kritika Mishra की यात्रा यूपीएससी परीक्षा में सफलता की एक अनुकरणीय कहानी है। उनके पहले प्रयास में, उन्होंने प्रारंभिक (प्री) और मुख्य (मेंस) परीक्षा में तो सफलता हासिल कर ली, परंतु अंतिम चरण में आयोजित होने वाले इंटरव्यू में वे असफल रहीं। इस असफलता ने उन्हें निराशा की ओर धकेलने की बजाय, उनके संकल्प और लगन को और भी मजबूत कर दिया। इस असफलता को उन्होंने एक सीख के रूप में लिया और दृढ़ निश्चय के साथ फिर से इस परीक्षा की तैयारी में जुट गई।
कृतिका ने अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं रखी और अपने दूसरे प्रयास में, वर्ष 2022 में, उन्होंने अपनी कठिन परिश्रम और अदम्य साहस के बल पर 66वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का गौरव प्राप्त किया। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को साकार करने की दिशा में अग्रसर हैं। Kritika Mishra ने सिद्ध कर दिया कि असफलताएँ सिर्फ एक पड़ाव हैं, मंजिल नहीं। उनकी यह यात्रा उन सभी के लिए एक मिसाल है जो अपने लक्ष्य की ओर अडिग रहकर चलते हैं।
कौन हैं Kritika Mishra
Kritika Mishra कानपुर, उत्तर प्रदेश की निवासी हैं। उनके पिता का नाम दिवाकर मिश्रा है जो एक इंटर कॉलेज में टीचर हैं। उनकी मां एलआईसी में कार्यरत हैं। कृतिका ने 12वीं एवं स्नातक आर्ट्स विषयों से उत्तीर्ण किया और अभी वे कानपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं।
तैयारी कर रहे युवाओं की दी यह सलाह
यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को सलाह देते हुए Kritika Mishra ने बताया कि तैयारी के लिए सबसे जरूरी है सिलेबस का समझना और उसके अनुसार ही तैयारी को आगे बढ़ाना। तैयारी के दौरान अभ्यर्थी पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें और समय-समय पर मॉक टेस्ट अवश्य हल करते रहें। अभ्यर्थियों को ज्यादातर NCERT आधारित पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों को खुद के ऊपर काबू रखना अहम है। इस दौरान उन्हें अपना धैर्य रखते हुए नर्वस नहीं होना चाहिए।