Kisi Political Party Me Daan Kaise Kare : राजनीतिक दलों को दान देना एक नागरिक के रूप में हमारा अधिकार और कभी-कभी जिम्मेदारी भी होती है, खासकर जब हम किसी विशेष Political Party के विचारों और उद्देश्यों को समर्थन देना चाहते हैं। पहले इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से यह संभव था, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय ने इस पर रोक लगा दी है। ऐसे में, बहुत से लोग सोच रहे हैं कि अब वे किस तरह से अपने पसंदीदा राजनीतिक दल को समर्थन दे सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद, राजनीतिक दल चंदा एकत्रित करने के नए और विभिन्न तरीकों की ओर रुख कर रहे हैं। आज हम आपको उन तरीकों के बारे में बताएंगे, जिनके द्वारा आप अभी भी राजनीतिक दलों को आपका वित्तीय समर्थन दे सकते हैं।
Kisi Political Party Me Daan Kaise Kare ?
इलेक्टोरल बॉन्ड की अवधारणा भारतीय राजनीतिक दलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के एक नवीन तरीके के रूप में सामने आई थी। यह एक प्रकार का वित्तीय उपकरण है जो दानकर्ताओं को उनकी पहचान गोपनीय रखते हुए राजनीतिक दलों को चंदा देने की सुविधा प्रदान करता है। हालांकि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय ने इस वित्तीय उपकरण के जरिए चंदा देने पर रोक लगा दी है और साथ ही इसके उपयोग की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया गया है।
इस निर्णय के बाद राजनीतिक दलों के सामने चंदा एकत्र करने की नई चुनौतियाँ पेश आई हैं। अब जबकि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से दान देने का विकल्प सीमित हो गया है, तो आइए जानते हैं कि राजनीतिक दलों को चंदा देने के अन्य संभावित तरीके क्या हैं
जब तक सरकार चंदा देने के लिए कोई नई विधि या नियम नहीं लेकर आती, तब तक हमें पुराने तरीकों का ही सहारा लेना पड़ेगा। इसमें सबसे पहला और सरल तरीका है चेक के जरिए चंदा देना, जिसकी जानकारी चुनाव आयोग को भी प्रदान करनी होती है। इसके अलावा, राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट के माध्यम से भी चंदा स्वीकार कर सकते हैं, जिसके लिए दानकर्ता को वेबसाइट पर पूरी जानकारी प्रदान करनी होती है।
यह ध्यान देने की बात है कि पहले किसी भी Political Party को गुमनामी में चंदा दिया जाता था, पर अब ऐसा नहीं होगा। अब किसी भी Political Party को चंदा देने से पहले उसे पूरी जानकारी प्रदान करनी होगी कि किस Political Party को कितना चंदा दिया जा रहा है। यह नियम चंदे की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है और राजनीतिक फंडिंग में स्पष्टता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
अमित शाह ने दिया चंदा
Electoral Bond पर रोक लगाए जाने के कुछ दिनों बाद, देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नमो ऐप के माध्यम से बीजेपी को दो हजार रुपये का दान दिया। इस कदम के साथ, उन्होंने देशवासियों से भी अपने-अपने तरीके से सहयोग करने की अपील की। एक विकल्प के रूप में, आप अपनी पसंदीदा Political Party की सदस्यता लेकर उसे चंदा दे सकते हैं। कुछ राजनीतिक दल रसीद बुक के जरिए भी चंदा इकट्ठा करते हैं, हालांकि यह चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए एकत्रित धनराशि की तरह बहुत बड़ी मात्रा में नहीं होता। इस प्रक्रिया को क्राउड फंडिंग कहा जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को किसी भी हालत में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए प्राप्त चुनावी चंदे की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। यह जानकारी बाद में इलेक्टोरल बॉन्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी, जिससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
किस Political Party को कितना चंदा मिला
मार्च 2018 से जुलाई 2023 के बीच, विभिन्न राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 13,000 करोड़ रुपये की भारी धनराशि ट्रांसफर की गई है। इस अवधि के दौरान, 2018 और 2022 के बीच, राजनीतिक दलों को 9,208 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड प्राप्त हुए, जिसमें से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल प्राप्त धन का 58% हासिल किया।
जनवरी 2023 में चुनाव आयोग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, 2021-22 के वित्तीय वर्ष में, भाजपा, तृणमूल कांग्रेस (TMC), इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC), और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) जैसे चार प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने अपनी कुल आय का 55.09% यानी 1811.94 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जुटाया। इस वित्तीय वर्ष में, भाजपा ने सबसे बड़ा दान प्राप्त किया, जिसके बाद TMC और INC का नंबर आता है। यह डेटा राजनीतिक दान के माध्यम और उसकी पारदर्शिता पर नई रोशनी डालता है, जिससे इलेक्टोरल बॉन्ड पर चर्चा को और बढ़ावा मिलता है।
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