Employment: ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की नवीनतम रिपोर्ट का कहना है कि इस वर्ष भारत में बेरोजगारी दर 4.47 प्रतिशत तक रहने की संभावना है। यह रिपोर्ट भारतीय नौकरी बाज़ार में आ रहे उल्लेखनीय परिवर्तनों पर प्रकाश डालती है। महामारी के बाद, भारत ने अपनी आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाई है और अब यह दुनिया की तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो गया है। इस उपलब्धि के चलते, नौकरी के अवसरों में वृद्धि हो रही है, जो कि देश के युवाओं के लिए नए द्वार खोल रही है। यह रिपोर्ट आगे बताती है कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, वैसे-वैसे बेरोजगारी में कमी आ रही है और रोजगार के नए मौके सृजित हो रहे हैं।
अर्थव्यवस्था की गति के अनुसार, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2028 तक भारत में बेरोजगारी दर में भारी कमी आ सकती है, जो कि 0.97 प्रतिशत घटकर 3.68 प्रतिशत होने की संभावना है। इसी दौरान, देश की जीडीपी भी बढ़कर 5 लाख करोड़ डॉलर की विशाल राशि तक पहुँचने का अनुमान है। वर्तमान में, बेरोजगारी की दर 4.47 प्रतिशत होने की संभावना जताई गई है, जो आर्थिक सुधारों के चलते लगातार कम हो रही है।
Employment
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के Employment बाजार में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। देश की युवा जनसंख्या, जिसकी औसत उम्र 28.4 वर्ष है, इस आर्थिक वृद्धि को और अधिक बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, 7.8% की अपेक्षित जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत 2026-27 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की विशाल अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। यह विकास मुख्य रूप से मजबूत निजी उपभोग और सार्वजनिक निवेश के बल पर हो रहा है। रिपोर्ट उन प्रमुख क्षेत्रों की भी पहचान करती है, जो देश की युवा जनसंख्या, खासकर 18 से 35 वर्ष की उम्र के 60 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा आकांक्षी माने जाते हैं। इन क्षेत्रों को आने वाले वर्षों में विकास का मुख्य स्रोत माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे भारत 5 लाख करोड़ डॉलर की आर्थिक लक्ष्य सीमा के नजदीक पहुँचेगा, देश में कुल Employment में 22% की वृद्धि की संभावना है। विशेषकर, सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नई नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। प्रत्येक इकाई वृद्धि से Employment में 0.12% की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था और Employment दोनों को बल मिलेगा।
प्रयासों के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र में घट रहीं नौकरियां
भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के अनुमान कुछ कम उत्साहजनक नजर आते हैं। अमेरिका से भारत के बढ़ते आयात, देश की प्रतिस्पर्धी लागत संरचना, उत्कृष्ट श्रम संसाधन और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी प्रमुख सरकारी योजनाओं के बावजूद, इस क्षेत्र में Employment में गिरावट देखी गई है।
ऑटोमेशन से Employment पर संदेह
तकनीकी प्रगति और बढ़ते हुए ऑटोमेशन के कारण, देश में बढ़ रहे कार्यबल को समाहित करने की क्षमता पर संशय उत्पन्न हो रहा है। हालांकि, सेवा क्षेत्र से जुड़ी औद्योगिक मूल्य श्रृंखलाओं की ओर यह परिवर्तन Employment के नवीनीकरण में सहायक सिद्ध हो सकता है।
Employment की नई उम्मीदें: ओआरएफ के अनुसार
भारत की आर्थिक उड़ान नए मुकाम को छूने जा रही है, जहां ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) अगले कुछ वर्षों में 5 लाख करोड़ डॉलर की विशाल राशि को पार कर जाएगी। इस वृद्धि के साथ ही, भारत का नौकरी बाजार भी एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जो नई और बेहतर Employment संभावनाओं का संकेत दे रहा है। इस रिपोर्ट में उजागर किया गया है कि कैसे डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और नवाचार ने भारतीय नौकरी बाजार को नई दिशा प्रदान की है। ये परिवर्तन न केवल तकनीकी और आईटी सेक्टर में, बल्कि पारंपरिक विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में भी Employment के नए अवसर सृजित कर रहे हैं।
सरकारी उपक्रमों जैसे ‘मेक इन इंडिया’ के तहत आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाये गए कदमों ने भी विनिर्माण और निर्यात क्षेत्रों में नई जान फूंकी है। इससे न केवल घरेलू स्तर पर नौकरियां बढ़ी हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत की स्थिति भी मजबूत हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आर्थिक विकास नई पीढ़ी के लिए न केवल जॉब ऑपर्च्युनिटीज के द्वार खोलेगा, बल्कि उच्च शिक्षित और कुशल जनशक्ति की मांग को भी बढ़ावा देगा।
इससे भारत में कार्यस्थल के माहौल में सुधार होने की भी संभावना है, जिससे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और सक्षम बाजार का निर्माण होगा। इस प्रकार, ORF की यह रिपोर्ट भारत के आर्थिक और Employment के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो देश के समग्र विकास को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
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