Real Estate भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 8 मार्च को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए, निवेशकों के लिए एक नई संभावना की खिड़की खोल दी है। इस घोषणा के माध्यम से, निवेशकों को अब Real Estate इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) में आंशिक स्वामित्व प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिसमें वाणिज्यिक और आवासीय दोनों प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं। इस पहल के माध्यम से, सेबी ने व्यक्तिगत निवेशकों को रियल एस्टेट क्षेत्र में सीधे निवेश करने का एक आकर्षक विकल्प प्रदान किया है।
पिछले वर्ष नवंबर में, सेबी के निदेशक मंडल ने एसएम रीट्स के लिए एक नियामक ढांचा तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था। इसने रीट्स विनियम 2014 में संशोधन को अनुमोदन दिया, जिससे इस क्षेत्र में निवेश के नए द्वार खुले। यह प्रक्रिया निवेशकों को न केवल स्थिर आय प्रदान करने का वादा करती है, बल्कि विविधता और जोखिम प्रबंधन में भी मदद करती है।
इस अधिसूचना के साथ, सेबी ने रीट्स में निवेश के माध्यम से Real Estate बाजार में सक्रिय भागीदारी को और अधिक सुलभ और आकर्षक बना दिया है। निवेशक अब बड़े Real Estate प्रोजेक्ट्स में छोटी मात्रा में निवेश कर सकते हैं और समय के साथ अपनी संपत्ति की कीमत मेंवृद्धि का लाभ उठा सकते हैं। यह अधिसूचना न केवल निवेशकों के लिए बल्कि रियल एस्टेट उद्योग के लिए भी एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि यह अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता की दिशा में एक कदम है।
Real Estate में नई संभावनाएँ: अब केवल 10 लाख रुपये निवेश से हासिल करें आंशिक स्वामित्व!
भारतीय पूँजी बाजार के नियामक, सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने हाल ही में छोटे एवं मध्यम आकार के Real Estate निवेश ट्रस्ट्स (एसएम रीट) से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। इस संशोधन के अनुसार, अब निवेशक इन रीट्स में केवल 10 लाख रुपये का निवेश करके भी आंशिक स्वामित्व प्राप्त कर सकते हैं। पहले, निवेश की न्यूनतम सीमा 25 लाख रुपये निर्धारित थी, जिसे घटाकर अब 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
इस संशोधन का उद्देश्य छोटे एवं मध्यम आय वर्ग के निवेशकों को रियल एस्टेट निवेश में सक्रिय भागीदारी का अवसर प्रदान करना है। इससे अधिक लोगों को रियल एस्टेट बाजार में निवेश करने का मौका मिलेगा और इस क्षेत्र में विविधता और लचीलापन बढ़ेगा। सेबी का यह कदम निवेशकों को रियल एस्टेट सेक्टर में उचित और सुलभ निवेश विकल्प प्रदान करने के लिए प्रशंसनीय है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र की संपत्तियों में निवेश करते समय अधिक विकल्प और लचीलापन मिलेगा।
आंशिक स्वामित्व को मिली अनुमति
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 8 मार्च को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की, जिसके अनुसार अब निवेशक Real Estate निवेश ट्रस्ट्स (रीट्स) में आंशिक स्वामित्व हासिल कर सकेंगे। इस व्यवस्था में वाणिज्यिक और आवासीय, दोनों प्रकार की संपत्तियां शामिल की गई हैं। इस नवीन प्रक्रिया के तहत, निवेशकों को बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें संपत्ति बाजार में विविधता और लचीलापन प्राप्त होगा।
पिछले वर्ष नवंबर में, सेबी के निदेशक मंडल ने छोटे और मध्यम आकार के Real Estate निवेश ट्रस्ट्स (एसएम रीट्स) के लिए एक नियामक ढांचा विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस पहल का उद्देश्य रीट्स को और अधिक सुलभ और आकर्षक बनाना था, ताकि व्यापक निवेशक वर्ग इनमें निवेश कर सके।
रीट्स विनियम, 2014 में किए गए इस संशोधन से निवेशकों को न केवल रियल एस्टेट बाजार में विविधीकरण का मौका मिलेगा बल्कि उन्हें इस क्षेत्र में लाभांश आय और मूल्य वृद्धि का भी लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। यह अधिसूचना रियल एस्टेट निवेश को अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक बनाने में एक कदम है, जिससे सभी वर्गों के निवेशक इस क्षेत्र में अपनी पहुँच बना सकें।
निवेश सीमा घटकर हुई 10 लाख
सेबी द्वारा हाल ही में जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, छोटे और मध्यम आकार के Real Estate निवेश ट्रस्ट्स (एसएम रीट्स) की एक योजना में प्रस्तावित संपत्ति का मूल्यांकन कम से कम 50 करोड़ रुपये और अधिकतम पांच सौ करोड़ रुपये होना चाहिए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट बाजार में व्यापक भागीदारी को सक्षम बनाना और अधिक खुदरा निवेशकों को आकर्षित करना है।
आंशिक स्वामित्व प्लेटफार्म एचबिट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, शिव पारेख ने इस संशोधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निवेश की न्यूनतम सीमा को 25 लाख रुपये से घटाकर 10 लाख रुपये करने से अधिक संख्या में खुदरा निवेशक इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे। यह कदम न केवल निवेशकों के लिए लाभदायक होगा बल्कि रियल एस्टेट बाजार में निवेश की गहराई और विविधता को भी बढ़ावा देगा।
इस तरह के संशोधन से रियल एस्टेट निवेश के क्षेत्र में वित्तीय समावेशिता और लचीलापन बढ़ेगा, जिससे विभिन्न आय वर्ग के निवेशक इस अवसर का लाभ उठा सकेंगे। इस प्रकार, सेबी की यह पहल Real Estate निवेश को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।