Start This Business By Investing Only Rs 5000 भारत सरकार ने कुम्हारों और उद्यमियों को सहायता प्रदान करने के लिए एक नई पहल की है। सरकार बिजली से चलने वाली चाक (इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील) मुहैया करा रही है, जो कुल्हड़ बनाने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाती है। इस उपकरण की सहायता से, कुम्हार बड़ी मात्रा में कुल्हड़ बना सकते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और आमदनी दोनों में वृद्धि होती है।
अगर आप ऐसे व्यवसाय की तलाश में हैं जहां कम पूंजी निवेश करके अधिक लाभ कमाया जा सके, तो कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय आपके लिए एक आकर्षक विकल्प हो सकता है। इस व्यवसाय को आप मात्र 5 हजार रुपये के प्रारंभिक निवेश से शुरू कर सकते हैं। मोदी सरकार इस तरह के उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सहायता और सुविधाएं प्रदान कर रही है।
इस बिजनेस प्लान के तहत, आपको सरकार से सहायता प्राप्त होगी जैसे कि इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील, कच्चे माल के लिए सब्सिडी और बाजार में अपने उत्पादों को बेचने के लिए मार्गदर्शन। इस व्यवसाय की विशेषता यह है कि इसमें रिस्क कम है और मांग हमेशा बनी रहती है, क्योंकि कुल्हड़ भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा हैं और पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
इसलिए, अगर आप एक लाभदायक और सामाजिक रूप से उत्तरदायी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। इस व्यवसाय के माध्यम से आप न केवल अच्छी कमाई कर सकते हैं, बल्कि अपने समुदाय के कुम्हारों को भी समर्थन प्रदान कर सकते हैं और पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे सकते हैं।
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कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय आज के समय में एक बेहद लाभदायक और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में सामने आया है। हर गली और नुक्कड़ पर कुल्हड़ वाली चाय की मांग बढ़ती जा रही है, जिसके पीछे कई कारण हैं। एक तरफ जहां लोग प्लास्टिक के कप में चाय पीने से कतराने लगे हैं, वहीं कुल्हड़ सिंगल यूज़ प्लास्टिक का एक उत्तम विकल्प के रूप में उभरा है।
इस दिशा में, भारत सरकार ने कुल्हड़ बनाने वाले व्यवसायियों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार बिजली से चलने वाली चाक (इलेक्ट्रिक पॉटरी व्हील) मुहैया कराने की पहल कर रही है, जिससे कुम्हार और व्यवसायी आसानी से और तेजी से कुल्हड़ बना सकें। खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना के अनुसार, साल 2020 में केंद्र सरकार ने 25 हजार इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए थे।
इसके अलावा, सरकार इन कुल्हड़ों को उचित कीमत पर खरीदने की भी पहल कर रही है, जिससे इस व्यवसाय में जुड़े लोगों की आमदनी में वृद्धि हो सके। इस प्रकार, कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि यह उन व्यवसायियों के लिए भी लाभदायक सिद्ध हो रहा है जो न्यूनतम निवेश से अधिकतम लाभ कमाने की चाह रखते हैं।
इस तरह के सरकारी समर्थन से, कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय न केवल आज के समय में एक आकर्षक और व्यावहारिक व्यवसायिक विकल्प बन गया है, बल्कि यह भारतीय परंपरा को भी बढ़ावा देने का एक साधन साबित हो रहा है।
Start This Business By Investing Only Rs 5000 कच्चे माल के तौर पर होता ये इस्तेमाल
कच्चे माल की बात करें तो इसमें बनाने में एक अच्छी क्वालिटी की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इसे किसी नदी या फिर तलाब के आसपास से ले सकते हैं दूसरा कच्चा माल होता है तो आप जिस आकार का कुल्हड़ बनाना चाहते हैं तो आप उस आकार के हिसाब से सांचे को मार्केट से खरीद सकते हैं। एक बार कुल्हड़ बन जाने के बाद इसे मजबूत करने के लिए इसको पकाना होता है।
इसके लिए एक बड़े आकार की भट्टी की जरुरत होती है। भट्टी का निर्माण करने के बाद इसमें बनी हुई कुल्हड़ को पका भी सकते हैं। सिंगल उपयोग प्लास्टिक के बंद होने से रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, एयरपोर्ट और मॉल में जल्द ही कुल्हड़ की मांग बढ़ सकती है।
Start This Business By Investing Only Rs 5000 कितनी हो जाएगी कमाई
चाय की कुल्हड़ बेहद ही किफायती होने के साथ में पर्यावरण के लिहाज से भी बेहद सुरक्षित माना जाता है मौजूदा रेट की बात करें तो चाय के कुल्हड़ की कीमत 50 रुपये सैकड़ा है। इसी प्रकार लस्सी के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा, दूध के कुल्हड़ की कीमत 150 रुपये सैकड़ा और प्याली 100 रुपेय सैकड़ा बिक रही है। मांग बढ़ने पर इससे अच्छी कीमत की भी संभावना है। अभी सिंगल उपयोग प्लास्टिक के बंद होने के बाद इसकी कीमत और भी बढ़ सकती है।